वाराणसी रोपवे प्रोजेक्ट: आधुनिक परिवहन की नई शुरुआत काशी में रोपवे का सपना साकार होने की दिशा में बड़ा कदम, जल्द शुरू होगा संचालन – पूरी जानकारी

By akhilesh Roy

Published on:

Varanasi Ropeway Project

Varanasi Ropeway Project: वाराणसी में प्रधानमंत्री के महत्वाकांक्षी रोपवे प्रोजेक्ट का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है। 3.85 किमी लंबी यह परियोजना कैंट से गोदौलिया तक यात्रा को मात्र 15 मिनट में पूरा करने की सुविधा प्रदान करेगी। वाराणसी शहर में transportation की दुनिया में एक नया अध्याय शुरू होने वाला है। प्रधानमंत्री के महत्वाकांक्षी project के तहत शुरू हुए रोपवे निर्माण कार्य में अब तक का सबसे महत्वपूर्ण पड़ाव आ गया है। काशी विद्यापीठ station पर 148 गोंडोला की पहली खेप पहुंच चुकी है, जो इस बात का प्रमाण है कि यह परियोजना अपने अंतिम चरण में पहुंच रही है। हर गोंडोला में 10 यात्रियों के बैठने की पूरी व्यवस्था की गई है, जो आधुनिक सुविधाओं से लैस है।

इस अत्याधुनिक system की खासियत यह है कि हर डेढ़ मिनट में एक गोंडोला का संचालन होगा। यात्री मात्र 15 मिनट में कैंट से गोदौलिया तक का पूरा सफर तय कर सकेंगे, जो पारंपरिक सड़क मार्ग से कहीं अधिक तेज और सुविधाजनक है। करीब 150 फीट की ऊंचाई से गुजरने वाला यह रोपवे शहर के traffic की समस्या का एक बेहतरीन समाधान साबित होगा। इससे न केवल समय की बचत होगी बल्कि पर्यटकों को काशी के मनोरम दृश्यों का आनंद भी मिलेगा।

वाराणसी रोपवे प्रोजेक्ट – संक्षिप्त सारांश

कार्यविशेषता
गोंडोला Transport148 गोंडोला उपलब्ध, प्रत्येक में 10 यात्रियों की क्षमता, हर 1.5 मिनट में संचालन
Station Infrastructure5 स्टेशन (कैंट, काशी विद्यापीठ, रथयात्रा, गिरजाघर, गोदौलिया), 92% कार्य पूर्ण
Digital Ticketingमेट्रो व एयरपोर्ट जैसी advanced टिकटिंग सिस्टम, वेंडिंग मशीन सुविधा
Weather Resistance60 kmph हवा में भी सुरक्षित संचालन, कोहरा व बारिश में भी चालू
Passenger Capacityप्रति घंटे 600 ट्रॉलियां, 6000 यात्री क्षमता दोनों दिशाओं में
Solar Energyगोंडोला में solar powered लाइटिंग, पर्यावरण अनुकूल तकनीक
Affordable Fareऑटो के बराबर या कम किराया, आम जनता के लिए accessible
Project Timelineमई 2023 में शुरुआत, सितंबर 2025 तक पूर्णता, 15 वर्ष maintenance

Varanasi Ropeway Project निर्माण कार्य की वर्तमान स्थिति और तकनीकी विशेषताएं

रोपवे construction का काम तेजी से आगे बढ़ रहा है और तीन प्रमुख स्टेशनों पर काम लगभग पूरा हो चुका है। कैंट, काशी विद्यापीठ और रथयात्रा स्टेशन का 92 प्रतिशत काम पूरा हो गया है, जबकि गिरजाघर और गोदौलिया पर निर्माण कार्य जारी है। इन स्टेशनों पर लगाए जा रहे facade, इंटीरियर और उपकरणों के इंस्टालेशन का काम भी 98 फीसदी तक पूरा हो चुका है। यह दर्शाता है कि परियोजना अपनी निर्धारित समयसीमा के अनुसार आगे बढ़ रही है।

Varanasi Ropeway Project
Varanasi Ropeway Project

इस modern रोपवे सिस्टम में एक घंटे में 600 ट्रॉलियों का संचालन दोनों दिशाओं से होगा, जिससे 6000 यात्री एक साथ सफर कर सकेंगे। मेट्रो और एयरपोर्ट की तर्ज पर digital टिकट ओपनिंग सिस्टम लगाया जाएगा, जिससे यात्रियों को टिकट चेकिंग की परेशानी नहीं होगी। प्रत्येक स्टेशन पर आधुनिक लिफ्ट, एस्केलेटर, टिकट काउंटर और वेंडिंग मशीन की सुविधा उपलब्ध होगी, जो यात्रियों के लिए पूर्ण सुविधा सुनिश्चित करेगी।

Varanasi Ropeway Project मौसम प्रतिरोधी तकनीक और सुरक्षा व्यवस्था

इस रोपवे की सबसे बड़ी विशेषता इसकी weather-resistant तकनीक है जो हर मौसम में सुरक्षित संचालन सुनिश्चित करती है। आंधी, बारिश और कोहरे जैसी प्राकृतिक परिस्थितियां भी गोंडोला की गति को रोक नहीं पाएंगी। 60 किमी प्रति घंटे की स्पीड से चलने वाली हवा में भी यह system सुरक्षित तरीके से काम करता रहेगा। अत्यधिक तेज हवा की स्थिति में सेंसर अलर्ट कर देगा और यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए गोंडोला को गैरेज में पार्क कर दिया जाएगा।

Advanced तकनीक के कारण ठंड के दिनों में कोहरे और बारिश में भी रोपवे का संचालन जारी रह सकेगा। बिजली जाने की स्थिति में विशेष backup व्यवस्था रहेगी जो निरंतर सेवा सुनिश्चित करेगी। गोंडोला के अंदर जलने वाली लाइटों में सौर ऊर्जा का इस्तेमाल होगा, जो इसे पर्यावरण के अनुकूल बनाता है। सभी गोंडोले solar energy से लैस होंगे, जो इस परियोजना को टिकाऊ और पर्यावरण हितैषी बनाता है।

Varanasi Ropeway Project किराया और यात्री सुविधाएं

रोपवे का fare अभी तक निर्धारित नहीं हुआ है, लेकिन अधिकारियों के अनुसार जल्द ही इस पर अंतिम मुहर लग जाएगी। चूंकि यह प्रधानमंत्री का महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है, इसलिए किराया बहुत न्यूनतम रखा जाएगा। अपेक्षा की जा रही है कि यह ऑटो के बराबर या उससे भी कम होगा, जिससे आम जनता के लिए यह affordable हो सके। इससे न केवल स्थानीय लोगों को फायदा होगा बल्कि पर्यटकों के लिए भी यह एक आकर्षक विकल्प बनेगा।

यात्री सुविधाओं के मामले में यह रोपवे world-class मानकों पर खरा उतरेगा। कैंट स्टेशन पर छह लिफ्ट और चार एस्केलेटर लगाए जाएंगे, जबकि विद्यापीठ और रथयात्रा स्टेशन पर भी पर्याप्त लिफ्ट और एस्केलेटर की व्यवस्था होगी। प्रत्येक स्टेशन पर vending machine और टिकट काउंटर की सुविधा उपलब्ध होगी। यह व्यवस्था यात्रियों के लिए पूर्ण सुविधा और आराम सुनिश्चित करेगी, जो इसे एक बेहतरीन परिवहन विकल्प बनाएगी।

Varanasi Ropeway Project परियोजना का भविष्य और व्यापक प्रभाव

यह रोपवे project वाराणसी के लिए एक नए युग की शुरुआत है जो शहर के परिवहन ढांचे को पूरी तरह बदल देगा। 3.85 किलोमीटर लंबे इस पहले फेज में पांच स्टेशन शामिल हैं और 29 टावर लगाए जाएंगे। मोनो-केबल डिटैचेबल तकनीक का उपयोग करते हुए यह सिस्टम प्रतिदिन 3,000 यात्रियों की क्षमता रखता है। 16 मई 2023 को शुरू हुआ यह काम 30 सितंबर 2025 तक पूरा होने की उम्मीद है, जिसके बाद 15 वर्षों तक इसकी maintenance की जाएगी।

इस परियोजना का प्रभाव केवल परिवहन तक सीमित नहीं रहेगा बल्कि यह tourism और स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूत बनाएगा। पर्यटकों को काशी के धार्मिक स्थलों तक पहुंचने में आसानी होगी और वे हवा से शहर के खूबसूरत नजारों का आनंद ले सकेंगे। यह infrastructure विकास का एक उत्कृष्ट उदाहरण है जो आधुनिकता और परंपरा का सुंदर मेल प्रस्तुत करता है।

निष्कर्ष

वाराणसी रोपवे परियोजना भारत में urban transportation के क्षेत्र में एक मील का पत्थर साबित होने वाली है। यह न केवल शहर की यातायात समस्याओं का समाधान प्रदान करेगा बल्कि पर्यटन उद्योग को भी नई ऊंचाइयां देगा। आधुनिक तकनीक, पर्यावरण अनुकूल features और किफायती किराया इसे जनता के लिए एक आदर्श विकल्प बनाता है।

इस महत्वाकांक्षी project की सफलता अन्य शहरों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बनेगी। जब यह रोपवे पूरी तरह चालू हो जाएगा, तो यह न केवल काशी की छवि को बदलेगा बल्कि भारत के smart city मिशन को भी मजबूती प्रदान करेगा। यह परियोजना दिखाती है कि सही योजना और क्रियान्वयन से कैसे पुराने शहरों को आधुनिक सुविधाओं से लैस किया जा सकता है।

इसे भी पढ़ें:-

UP Road Widening: 10 करोड़ रुपये की लागत से ऊंचाहार में सड़क चौड़ीकरण से विकास की नई राह विधायक Dr. Manoj Kumar Pandey की भूमिका.

आजमगढ़ रिंग रोड अपडेट: बंहौर से पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे कनेक्शन और भूमि अधिग्रहण की पूरी जानकारी,रिंग रोड 23 गांवों से होकर गुजरेगी

akhilesh Roy

नमस्कार! मेरा नाम अखिलेश राय है और मैं WritingGo.com का संस्थापक और प्रमुख लेखक हूं। मैं पिछले 3 वर्षों से Government Highway Projects और Road Construction के क्षेत्र में गहरी रुचि और जानकारी रखता हूं। मेरा उद्देश्य है कि मैं इन तकनीकी और सरकारी परियोजनाओं से जुड़ी सटीक, सरल और हिंदी में जानकारी लोगों तक पहुंचाऊं। मैंने अपना स्नातक (Graduation) पूरा कर लिया है और तभी से भारत के विभिन्न राज्यों में हो रहे Infrastructure Development, Road निर्माण, और सरकारी Highway Projects की विस्तार से अध्ययन और रिसर्च कर रहा हूं। मुझे नई-नई किताबें पढ़ना, भारत में हो रहे नए निर्माण कार्यों पर Research करना और उन जानकारियों को आम जनता तक आसान भाषा में पहुंचाना बेहद पसंद है। WritingGo.com के माध्यम से मैं यही प्रयास कर रहा हूं कि आम लोग भी इन बड़े प्रोजेक्ट्स की भीतरी जानकारी को समझ सकें और उनके महत्व को जान सकें। यदि आपको भारत में हो रहे सड़क निर्माण, Highway Projects या अन्य सरकारी Infrastructure Works से जुड़ी कोई जानकारी चाहिए, तो आप मेरे लेख जरूर पढ़ें। मुझे उम्मीद है कि मेरा अनुभव और लेखन आपकी जानकारी को और बेहतर बनाएगा। धन्यवाद! अखिलेश राय (लेखक, WritingGo.com)

Leave a Comment