Rajgir Four Lane Expressway: उत्तर प्रदेश के पड़ोसी राज्य बिहार में विकास बहुत तेजी से हो रहा है और ऐसे में वहां पर सड़के तथा एक्सप्रेसवे और हाईवे का निर्माण बहुत मजबूती से किया जा रहा है और इस वर्ष 2025 में नया-नया सड़क बन रहे हैं! बिहार में सड़कों का जाल (Network) बहुत तेजी से फैलाया जा रहा है। राज्य सरकार (State Government) हर जिले में Highways और Four-Lane Roads का विस्तार कर रही है ताकि लोगों को बेहतर आवागमन मिल सके। यह प्रोजेक्ट विकास के लिए एक बड़ी पहल मानी जा रही है।
इसी क्रम में अब पटना (Patna) से राजगीर (Rajgir) के बीच एक नई Four-Lane Road बनाई जाएगी। इस सड़क के निर्माण से दोनों शहरों के बीच यात्रा और अधिक Easy, Fast और Safe हो जाएगी। आइए जानते हैं इस Expressway से जुड़ी पूरी जानकारी।
राजगीर फोर लेन एक्सप्रेसवे – संक्षिप्त विवरण
क्रम | कार्य | विशेषता |
---|---|---|
1 | Four-Lane Road का निर्माण | सालेपुर से राजगीर तक 265 करोड़ रुपए की लागत से |
2 | Traffic Management में सुधार | वर्तमान Two-Lane सड़क को Four-Lane में बदलना |
3 | Travel Time में कमी | यात्रा समय लगभग आधा हो जाएगा |
4 | Tourism को बढ़ावा | राजगीर के Vishwa Shanti Stupa और Hot Springs तक आसान पहुंच |
5 | Employment के अवसर | स्थानीय लोगों को रोजगार और Self-Employment के मौके |
6 | Bihar Rajya Pul Nirman Nigam Ltd. की जिम्मेदारी | Kapil Ashok की अध्यक्षता में Infrastructure Development |
7 | Route Planning | State Highway 78 से NH-30 तक Connectivity |
8 | Foundation Stone | मुख्यमंत्री Nitish Kumar द्वारा सितंबर 2020 में रखा गया |
9 | Regional Development | पटना-नालंदा के बीच High Speed Connectivity |
10 | Smart Traffic Management | Quality Control के साथ Time-Bound निर्माण कार्य |
पटना से राजगीर के बीच फोरलेन हाईवे की सौगात
बिहार सरकार ने राजधानी पटना और ऐतिहासिक एवं धार्मिक दृष्टि से प्रसिद्ध राजगीर के बीच यात्रा को आसान और तेज़ बनाने के लिए नई योजना पर काम शुरू कर दिया है। इस योजना के तहत Salepur से लेकर राजगीर तक एक Four-Lane Expressway का निर्माण किया जाएगा, जिससे दोनों शहरों के बीच की दूरी न केवल कम होगी, बल्कि ट्रैफिक जाम की समस्या भी बहुत हद तक समाप्त हो जाएगी। वर्तमान में जो सड़क Two-Lane है, वह संकरी और व्यस्त रहती है, जिससे यात्रियों को कई बार घंटों जाम में फँसना पड़ता है। अब इस सड़क को चौड़ा कर Four-Lane में बदला जाएगा, जिससे यात्रा में लगने वाला समय लगभग आधा हो सकता है।
इस परियोजना से पर्यटकों को भी राहत मिलेगी, क्योंकि राजगीर एक प्रसिद्ध Tourist Spot है जहाँ हर साल लाखों श्रद्धालु और पर्यटक पहुंचते हैं। बेहतर सड़क संपर्क से नालंदा जिले का आर्थिक और सामाजिक विकास भी तेज़ होगा। इसके साथ ही स्थानीय निवासियों के लिए रोज़गार के नए Opportunities भी सृजित होंगे। कुल मिलाकर यह परियोजना न केवल यात्रा को आरामदायक बनाएगी, बल्कि पूरे क्षेत्र के विकास में भी अहम भूमिका निभाएगी।
सड़क विस्तार से घटेगा समय और बढ़ेगी सुविधा
सालेपुर से लेकर राजगीर तक बनने वाले इस Expressway का लाभ केवल यात्रियों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि यह क्षेत्रीय विकास के लिए एक मील का पत्थर साबित होगा। इस मार्ग में आने वाले गांवों और कस्बों को बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी, जिससे कृषि उत्पादों की ढुलाई, स्थानीय व्यापार और शिक्षा तथा स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच आसान हो सकेगी। अनुमान है कि इस सड़क निर्माण पर लगभग ₹265 Crore की लागत आएगी, जिसे Bihar Rajya Pul Nirman Nigam Ltd. द्वारा पूरा किया जाएगा। यह नया मार्ग NH-30 से जोड़कर विकसित किया जाएगा, जिससे इसे राज्य और राष्ट्रीय दोनों स्तर पर महत्व मिलेगा।

निर्माण पूरा होने के बाद, इस मार्ग पर Smart Traffic Management System भी लागू किया जा सकता है जिससे सड़क दुर्घटनाएं कम होंगी और यात्रा अधिक सुरक्षित होगी। सरकार इस परियोजना को समयबद्ध तरीके से पूरा करने के लिए युद्ध स्तर पर कार्य कर रही है। वहीं दूसरी ओर, यह एक्सप्रेसवे Tourism, व्यापार और शिक्षा के क्षेत्र में निवेश को भी आकर्षित करेगा। यह विकास पथ न केवल भौगोलिक दूरी को मिटाएगा, बल्कि सामाजिक और आर्थिक Integration को भी मजबूत बनाएगा।
परियोजना की शुरुआत और ज़िम्मेदार एजेंसी
राजगीर-फोरलेन प्रोजेक्ट को धरातल पर उतारने की जिम्मेदारी Bihar Rajya Pul Nirman Nigam Ltd. को दी गई है, जो राज्य में अधोसंरचना विकास के लिए जानी जाती है। इस परियोजना के सफल क्रियान्वयन की कमान निगम के अध्यक्ष Kapil Ashok के हाथों में है, जिन्होंने हाल ही में जानकारी दी कि कार्य जल्द ही शुरू किया जाएगा। निगम की ओर से सभी तकनीकी और प्रशासनिक तैयारियाँ पूरी की जा रही हैं ताकि समय पर काम शुरू हो सके।
यह परियोजना केवल एक Infrastructure Project नहीं बल्कि बिहार के विकास की दिशा में एक नई पहल मानी जा रही है। सड़क निर्माण से जुड़े सभी आवश्यक Approvals भी तेजी से पूरे किए जा रहे हैं। परियोजना में गुणवत्ता और सुरक्षा मानकों का विशेष ध्यान रखा जाएगा ताकि यह मार्ग भविष्य में भी टिकाऊ और सुरक्षित बना रहे। निगम ने यह भी स्पष्ट किया है कि निर्माण कार्य को Time-Bound तरीके से अंजाम दिया जाएगा, जिससे जनता को जल्द से जल्द इसका लाभ मिल सके।
मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणा और नई तैयारी
इस हाईवे परियोजना की नींव सितंबर 2020 में ही रख दी गई थी, जब मुख्यमंत्री Nitish Kumar ने इसका Foundation Stone रखा था। हालांकि प्रारंभिक स्तर पर कुछ बाधाएं सामने आई थीं, जिस कारण इसका निर्माण शुरू नहीं हो सका। अब सरकार पूरी गंभीरता से इस परियोजना को ज़मीन पर उतारने की दिशा में काम कर रही है। निर्माण एजेंसी और राज्य सरकार के बीच समन्वय को मजबूत किया जा रहा है ताकि देरी की कोई गुंजाइश न रहे।
यह प्रोजेक्ट राज्य की Connectivity को बेहतर बनाने के साथ-साथ पर्यटन, शिक्षा और व्यापारिक गतिविधियों को भी प्रोत्साहित करेगा। इसकी निगरानी उच्चस्तरीय अधिकारियों द्वारा की जाएगी और प्रगति की Monitoring नियमित रूप से की जाएगी। इस परियोजना के तहत स्थानीय मजदूरों को भी Employment के अवसर मिलेंगे जिससे आर्थिक गतिविधियों को भी बल मिलेगा। कुल मिलाकर, इस फोरलेन परियोजना को सरकार एक Priority Project के रूप में देख रही है।।
फोरलेन एक्सप्रेसवे का पूरा रूट
राजगीर फोरलेन एक्सप्रेसवे का निर्माण बिहार के Salepur से शुरू होकर करौटा तक किया जाएगा, जो वर्तमान में दो लेन की संकरी सड़क है। इस सड़क पर लंबे समय से Heavy Traffic और जाम की समस्या बनी हुई है, जिससे आम यात्रियों को परेशानी होती रही है। प्रस्तावित रूट में सड़क को Four Lane Highway में बदलने की योजना है, जो Narsanda, Telmar जैसे गांवों से होकर गुजरेगी। अंत में यह सड़क करौटा के पास राष्ट्रीय राजमार्ग NH-30 से जाकर जुड़ेगी, जिससे इसे लंबी दूरी की कनेक्टिविटी भी मिल जाएगी।
यह एक्सप्रेसवे State Highway 78 के जंक्शन से शुरू होकर NH-31 के 224वें किलोमीटर के पॉइंट पर समाप्त होगा। रूट में आने वाले प्रमुख स्थानों में Utra, Bheriya, Narsanda, और Telmar शामिल हैं। इस मार्ग से ना केवल ट्रैफिक में सुधार होगा बल्कि आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों का भी समग्र विकास होगा। एक्सप्रेसवे के बन जाने से राजगीर और पटना के बीच Travel Time में भी काफी कमी आएगी।
खर्च और निर्माण से जुड़ी अहम जानकारी
इस महत्त्वाकांक्षी फोरलेन प्रोजेक्ट को साकार करने में लगभग ₹265 Crore की लागत आने का अनुमान है, जिसे राज्य सरकार ने स्वीकृति दे दी है। इसका निर्माण कार्य बिहार राज्य पुल निर्माण निगम लिमिटेड (BRPNN) के अंतर्गत किया जाएगा, जो कि राज्य की एक अनुभवी Construction Agency मानी जाती है। निर्माण में आधुनिक तकनीक और Quality Control का विशेष ध्यान रखा जाएगा ताकि सड़क लंबे समय तक टिकाऊ और सुरक्षित बनी रहे।
परियोजना की सफलता से न केवल यात्रियों को राहत मिलेगी, बल्कि स्थानीय लोगों को रोजगार के नए Opportunities भी मिलेंगे। इसके अलावा, यह रूट राज्य के Tourism, Trade, और Logistics को भी गति देगा, क्योंकि राजगीर एक प्रमुख धार्मिक और ऐतिहासिक स्थल है। निर्माण कार्य चरणबद्ध तरीके से किया जाएगा और हर चरण की Monitoring सरकार द्वारा की जाएगी। कुल मिलाकर, यह फोरलेन प्रोजेक्ट केवल एक सड़क निर्माण योजना नहीं, बल्कि पूरे क्षेत्र के विकास का आधार बनेगा।
पर्यटन और स्थानीय विकास को मिलेगा बढ़ावा
राजगीर एक प्राचीन ऐतिहासिक और धार्मिक नगरी है, जिसे देश-विदेश से हर वर्ष लाखों Tourists देखने आते हैं। यहां स्थित विश्व प्रसिद्ध Vishwa Shanti Stupa, Hot Springs, और बुद्ध से जुड़े तीर्थ स्थल इस क्षेत्र को अद्वितीय बनाते हैं। प्रस्तावित Four Lane Road के निर्माण से पर्यटकों की यात्रा और अधिक सुविधाजनक व तेज़ हो जाएगी। इससे स्थानीय पर्यटन को भी जबरदस्त Boost मिलेगा और क्षेत्र की पहचान राष्ट्रीय स्तर पर और मजबूत होगी।
सड़क की अच्छी कनेक्टिविटी से होटल, गाइड, रेस्टोरेंट, और स्थानीय दुकानदारों को आर्थिक लाभ होगा। साथ ही, युवाओं को Employment Opportunities भी मिलेंगी, जिससे क्षेत्र में Self-Employment और स्वरोजगार को प्रोत्साहन मिलेगा। पर्यटन के साथ-साथ स्थानीय उत्पादों की मांग भी बढ़ेगी, जिससे कुटीर उद्योगों को भी समर्थन मिलेगा। कुल मिलाकर, यह प्रोजेक्ट राजगीर को एक विकसित पर्यटन केंद्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक बड़ा कदम होगा।
पटना-नालंदा कनेक्टिविटी और क्षेत्रीय विकास (दूसरा पैराग्राफ)
फोरलेन एक्सप्रेसवे का निर्माण पटना और नालंदा जैसे दो प्रमुख जिलों को एक बेहतर और High Speed Connectivity से जोड़ने का कार्य करेगा। अभी तक इन जिलों के बीच यात्रा समय अधिक लगता था और जाम की समस्याएं आम थीं। लेकिन इस Infrastructure Development के बाद दूरी भले ही वही रहे, लेकिन सफर कहीं ज़्यादा आरामदायक, तेज़ और सुरक्षित हो जाएगा। इसके ज़रिए छात्रों, व्यापारियों और आम नागरिकों को फायदा पहुंचेगा जो रोज़ाना इन क्षेत्रों के बीच आवाजाही करते हैं।
साथ ही, नालंदा विश्वविद्यालय जैसे प्रतिष्ठित Educational Institutions तक पहुंच आसान होगी। इस प्रोजेक्ट से नालंदा के ग्रामीण क्षेत्रों में Urban Facilities का विस्तार हो सकता है। बेहतर सड़क होने से Inter-District Trade और आवाजाही को भी गति मिलेगी। इन सभी प्रभावों के चलते यह परियोजना केवल एक सड़क न होकर सामाजिक और आर्थिक विकास की रीढ़ बन सकती है।
निष्कर्ष
राजगीर से पटना के बीच बनने वाला यह नया फोरलेन एक्सप्रेसवे न सिर्फ सड़क यात्रा को आसान बनाएगा, बल्कि पर्यटन, रोजगार और आर्थिक विकास के नए रास्ते भी खोलेगा। बिहार सरकार की यह पहल राज्य के इंफ्रास्ट्रक्चर को और मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
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Rajgir Four Lane Expressway 10 महत्वपूर्ण FAQs
1. राजगीर फोरलेन एक्सप्रेसवे की शुरुआत कब होगी?
इस परियोजना की शुरुआत बहुत जल्द की जाएगी, जिसकी घोषणा बिहार राज्य पुल निर्माण निगम लिमिटेड द्वारा की गई है।
2. यह एक्सप्रेसवे किन दो शहरों को जोड़ेगा?
यह एक्सप्रेसवे राजगीर और पटना के बीच बनेगा।
3. नया फोरलेन एक्सप्रेसवे किस रूट से होकर गुजरेगा?
यह हाईवे सालेपुर, उतरा, भेरिया, नरसंडा, तेलमर होते हुए करौटा तक जाएगा और NH-30 से जुड़ेगा।
4. इस परियोजना की कुल लागत कितनी है?
करीब ₹265 करोड़ रुपये इस फोरलेन एक्सप्रेसवे पर खर्च किए जाएंगे।
5. इस प्रोजेक्ट से क्या फायदा होगा?
इससे ट्रैफिक कम होगा, यात्रा का समय घटेगा और राजगीर के पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
6. सड़क की वर्तमान स्थिति क्या है?
अभी यह दो लेन सड़क है, जिसे फोरलेन में अपग्रेड किया जाएगा।
7. इस प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी किसके पास है?
परियोजना को बिहार राज्य पुल निर्माण निगम लिमिटेड द्वारा पूरा किया जाएगा।
8. क्या यह सड़क किसी राष्ट्रीय राजमार्ग से जुड़ेगी?
हाँ, यह सड़क NH-30 और NH-31 से जुड़ी होगी।
9. क्या इस परियोजना से रोजगार मिलेगा?
हाँ, निर्माण कार्य से स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे।
10. यह प्रोजेक्ट बिहार के विकास में कैसे मदद करेगा?
यह कनेक्टिविटी सुधारने, पर्यटन को बढ़ावा देने और आर्थिक विकास को तेज़ करने में सहायक होगा।