यूपी में Gorakhpur Shamli Expressway: 700 किमी का ग्रीनफील्ड कॉरिडोर 22 जिलों को जोड़ेगा जमीन,अधिग्रहण शुरू

By akhilesh Roy

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Gorakhpur-Shamli Expressway

Gorakhpur-Shamli Expressway: उत्तर प्रदेश में सड़क नेटवर्क को सशक्त बनाने की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाया गया है। 700 किलोमीटर लंबा Gorakhpur–Shamli Greenfield Expressway अब जल्द ही जमीन पर उतरने जा रहा है। यह एक्सप्रेसवे Punjab–Northeast Corridor का अहम हिस्सा होगा, जो न केवल राज्य को जोड़ने का काम करेगा, बल्कि पड़ोसी राज्यों और पूर्वोत्तर भारत तक भी संपर्क को बेहतर बनाएगा। इस परियोजना से यात्रियों और व्यापारियों को तेज़, सुरक्षित और सुगम आवागमन की सुविधा मिलेगी।

National Highways Authority of India (NHAI) ने इस प्रोजेक्ट के लिए Land Acquisition की प्रक्रिया शुरू कर दी है और जल्द ही Detailed Project Report (DPR) भी तैयार हो जाएगी। यह एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश के 22 जिलों को आपस में जोड़ते हुए हरियाणा, पंजाब और पूर्वोत्तर भारत तक Connectivity को नया विस्तार देगा। इस ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट के ज़रिए राज्य के अलग-अलग क्षेत्रों में Development, निवेश और Employment Opportunities में उल्लेखनीय वृद्धि की संभावना है। यह परियोजना उत्तर प्रदेश के लिए कनेक्टिविटी के एक नए युग की शुरुआत होगी।

गोरखपुर-शामली एक्सप्रेसवे – संक्षिप्त विवरण

कार्यविशेषता
Greenfield Expressway का निर्माण700 किलोमीटर लंबा, Punjab-Northeast Corridor का हिस्सा
Land Acquisition की प्रक्रिया शुरूNHAI द्वारा DPR तैयार करना
22 जिलों को आपस में जोड़नासीतापुर से शामली तक Connectivity सुधारना
यात्रा समय में कमी12-15 घंटे से घटकर केवल 8 घंटे
Trade और Industries को बढ़ावाEmployment Opportunities में वृद्धि
Tourism का विकासधार्मिक और सांस्कृतिक स्थलों तक आसान पहुंच
हरियाणा, पंजाब से Inter-state ConnectivityNortheast India तक संपर्क सुधार
India-Nepal Border के निकट मार्गTrade Relations और Cultural Exchange को बढ़ावा
Airstrip का निर्माणStrategic महत्व, Air Force के लिए उपयोगी
Regional Development में योगदानEconomic Growth और Social Development

पूर्वांचल और पश्चिमी यूपी के बीच दूरी होगी कम

गोरखपुर–शामली एक्सप्रेसवे पूर्वांचल और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बीच की दूरी को कम करने वाला एक अत्यंत महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट है। वर्तमान में Gorakhpur से Shamli तक का सफर पारंपरिक सड़कों के माध्यम से करने में लगभग 12 से 15 घंटे लगते हैं, जो थकाऊ और समय लेने वाला होता है। लेकिन इस Expressway के निर्माण के बाद 700 किलोमीटर की यह दूरी केवल 8 घंटे में तय की जा सकेगी। इससे आम यात्रियों को न सिर्फ राहत मिलेगी, बल्कि परिवहन की Efficiency में भी सुधार होगा।

Gorakhpur-Shamli Expressway
Gorakhpur-Shamli Expressway

इस तेज़ और सुरक्षित मार्ग से व्यापारियों को अपने Goods जल्दी और कम लागत में एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाने की सुविधा मिलेगी। साथ ही, इस एक्सप्रेसवे से क्षेत्रीय Tourism को भी बढ़ावा मिलेगा क्योंकि धार्मिक और सांस्कृतिक स्थलों तक पहुंच आसान हो जाएगी। बेहतर सड़क संपर्क से स्थानीय Economy में नई जान आएगी और Investment की संभावनाएं भी बढ़ेंगी। कुल मिलाकर यह प्रोजेक्ट उत्तर प्रदेश के संतुलित और समावेशी विकास की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा।

Gorakhpur Shamli Expressway से 22 जिलों को मिलेगा लाभ

गोरखपुर–शामली एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश के 22 ज़िलों—सीतापुर, हरदोई, शाहजहांपुर, संतकबीरनगर, बस्ती, अयोध्या, बदायूं, बरेली, रामपुर, बाराबंकी, गोंडा, बहराइच, लखनऊ, मुरादाबाद, संभल, अमरोहा, मेरठ, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, सहारनपुर, गोरखपुर और शामली—को आपस में जोड़ेगा। इन ज़िलों के बीच बेहतर Connectivity से यात्रियों को तेज़ और आरामदायक सफर की सुविधा मिलेगी, जिससे परिवहन और आवाजाही पहले से कहीं अधिक सरल और तेज़ हो जाएगी। इससे इन क्षेत्रों में सामाजिक और आर्थिक गतिशीलता में भी इज़ाफा होगा।

इस एक्सप्रेसवे के ज़रिए क्षेत्रीय Trade और Industries को नई ऊर्जा मिलेगी, जिससे स्थानीय स्तर पर Employment Opportunities का विस्तार होगा। छोटे व्यापारियों से लेकर बड़े निवेशकों तक को इससे लाभ मिलेगा, क्योंकि बेहतर सड़क नेटवर्क माल की आवाजाही और सेवाओं की आपूर्ति को आसान बनाएगा। इसके साथ ही, एक्सप्रेसवे के आसपास की भूमि की मांग बढ़ने से Land Value में भी उल्लेखनीय वृद्धि होने की संभावना है। यह परियोजना न केवल ज़िलों को जोड़ेगी, बल्कि समग्र Regional Development को भी गति देगी।

हरियाणा, पंजाब और पूर्वोत्तर भारत से संपर्क

गोरखपुर–शामली एक्सप्रेसवे को Punjab–North East Corridor के तहत विकसित किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य हरियाणा और पंजाब को उत्तर प्रदेश और पूर्वोत्तर भारत से जोड़ना है। यह Corridor पूरे क्षेत्र में तेज़ और निर्बाध परिवहन को संभव बनाएगा, जिससे आवागमन के समय में कमी आएगी और Logistics की क्षमता में सुधार होगा। इससे न केवल व्यापार को बल मिलेगा, बल्कि यात्रियों को भी बेहतर सफर का अनुभव मिलेगा।

इस एक्सप्रेसवे की एक विशेषता यह भी है कि इसका मार्ग India–Nepal Border के निकट से होकर गुजरेगा। इससे नेपाल के साथ भारत के Trade Relations को नया आयाम मिलेगा और दोनों देशों के बीच Cultural Exchange को भी बढ़ावा मिलेगा। सीमावर्ती क्षेत्रों में व्यवसाय और पर्यटन को नई दिशा मिलेगी, जिससे स्थानीय Economy को मजबूती मिलेगी। यह प्रोजेक्ट अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और क्षेत्रीय समृद्धि के दृष्टिकोण से भी एक अहम कड़ी साबित होगा।

हवाई पट्टी भारत-नेपाल सीमा के पास सामरिक महत्व का कदम

गोरखपुर–शामली एक्सप्रेसवे की एक बेहद खास विशेषता इसमें बनने वाली Airstrip होगी, जो सामरिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जा रही है। यह हवाई पट्टी भारत–नेपाल सीमा के समीप बनाई जाएगी, जिससे सीमावर्ती क्षेत्रों में Surveillance और सुरक्षा की क्षमता बढ़ेगी। यह व्यवस्था विशेष रूप से नेपाल के रास्ते China से उत्पन्न होने वाली चुनौतियों से निपटने में सहायक होगी, जिससे भारत की सामरिक तैयारियों को मजबूती मिलेगी।

NHAI के अनुसार, यह Airstrip आपातकालीन स्थिति में भारतीय Air Force के विमानों की लैंडिंग और टेकऑफ के लिए उपयोगी रहेगी। इससे आपदा प्रबंधन, राहत कार्य और सैन्य गतिविधियों में तेज़ी लाई जा सकेगी। साथ ही, यह एक्सप्रेसवे केवल नागरिक परिवहन ही नहीं बल्कि Strategic Infrastructure के रूप में भी काम करेगा। इस परियोजना से न केवल क्षेत्रीय सुरक्षा को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि भारत की सीमाओं पर रणनीतिक स्थिति भी और मजबूत होगी।

प्रोजेक्ट को जल्द से जल्द पूरा करेगा NHAI होगा विकास

उत्तर प्रदेश के Economic और Social Development में एक नया अध्याय जोड़ेगा। यह परियोजना राज्य के पूर्वी और पश्चिमी हिस्सों को जोड़ते हुए संपूर्ण क्षेत्र की Connectivity को सशक्त बनाएगी। बेहतर आवागमन के माध्यम से न केवल लोगों की आवाजाही आसान होगी, बल्कि व्यापार, सेवाओं और संसाधनों का आदान-प्रदान भी तेज़ी से हो सकेगा। यह एक्सप्रेसवे ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के बीच विकास की खाई को भी कम करेगा।

स्थानीय स्तर पर यह परियोजना Employment Generation, Industrial Growth और Tourism को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभाएगी। छोटे व मंझोले उद्योगों को तेज़ परिवहन सुविधा से नए बाजार मिलेंगे, जिससे उनकी Productivity और आय में वृद्धि होगी। NHAI इस प्रोजेक्ट को समयबद्ध तरीके से पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है, और जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी होते ही निर्माण कार्य तेजी से आरंभ होने की उम्मीद है। यह एक्सप्रेसवे न केवल सड़क पर सफर आसान बनाएगा, बल्कि उत्तर प्रदेश के समग्र विकास की रफ्तार को भी नया आयाम देगा।

निष्कर्ष

गोरखपुर-शामली ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश के लिए एक गेम-चेंजर साबित होगा। यह 22 जिलों को जोड़ने के साथ-साथ हरियाणा, पंजाब और पूर्वोत्तर भारत के साथ संपर्क को मजबूत करेगा। हवाई पट्टी जैसी अनूठी विशेषता इसे सामरिक और आर्थिक दोनों दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण बनाती है। यह प्रोजेक्ट उत्तर प्रदेश को विकास के नए रास्तों पर ले जाएगा।

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akhilesh Roy

नमस्कार! मेरा नाम अखिलेश राय है और मैं WritingGo.com का संस्थापक और प्रमुख लेखक हूं। मैं पिछले 3 वर्षों से Government Highway Projects और Road Construction के क्षेत्र में गहरी रुचि और जानकारी रखता हूं। मेरा उद्देश्य है कि मैं इन तकनीकी और सरकारी परियोजनाओं से जुड़ी सटीक, सरल और हिंदी में जानकारी लोगों तक पहुंचाऊं। मैंने अपना स्नातक (Graduation) पूरा कर लिया है और तभी से भारत के विभिन्न राज्यों में हो रहे Infrastructure Development, Road निर्माण, और सरकारी Highway Projects की विस्तार से अध्ययन और रिसर्च कर रहा हूं। मुझे नई-नई किताबें पढ़ना, भारत में हो रहे नए निर्माण कार्यों पर Research करना और उन जानकारियों को आम जनता तक आसान भाषा में पहुंचाना बेहद पसंद है। WritingGo.com के माध्यम से मैं यही प्रयास कर रहा हूं कि आम लोग भी इन बड़े प्रोजेक्ट्स की भीतरी जानकारी को समझ सकें और उनके महत्व को जान सकें। यदि आपको भारत में हो रहे सड़क निर्माण, Highway Projects या अन्य सरकारी Infrastructure Works से जुड़ी कोई जानकारी चाहिए, तो आप मेरे लेख जरूर पढ़ें। मुझे उम्मीद है कि मेरा अनुभव और लेखन आपकी जानकारी को और बेहतर बनाएगा। धन्यवाद! अखिलेश राय (लेखक, WritingGo.com)

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