Gorakhpur Link Expressway News: यह उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा मेगा प्रोजेक्ट है जो आज तक किसी सरकार ने नहीं करवायाअब बनकर तैयार हो चुका है ! उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री Yogi Adityanath ने Gorakhpur Link Expressway का उद्घाटन कर पूर्वी यूपी में आर्थिक विकास को बढ़ावा दिया है। यह 91.35 kilometer लंबा, चार लेन का एक्सप्रेसवे क्षेत्रीय connectivity को सशक्त करता है। भविष्य में इसे छह लेन तक विस्तारित करने की योजना है। इस परियोजना पर सरकार ने ₹7,283.28 crore निवेश किया है।
यह एक्सप्रेसवे यातायात को तेज और सुरक्षित बनाकर industry और tourism को प्रोत्साहन देता है। Gorakhpur में व्यापार और employment के अवसर बढ़ेंगे। बेहतर सड़क कनेक्टिविटी से समय और लागत की बचत होगी। यह Uttar Pradesh के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। चलिए अब हमइस मेगा प्रोजेक्ट के संपूर्ण जानकारी डिटेल में आपको बताते हैं और यह भी बताते हैं किइस पर यातायात कब तक शुरू कर दिया जाएगा।
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे – संक्षिप्त विवरण
मुख्य जानकारी
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा inaugurated गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे एक महत्वपूर्ण mega project है। यह 91.35 किलोमीटर लंबा, चार लेन का एक्सप्रेसवे है जो जैतपुर (गोरखपुर) से सालारपुर (आज़मगढ़) तक फैला है। इस परियोजना पर ₹7,283.28 करोड़ का निवेश किया गया है।
विशेषताएं और लाभ
कार्य | विशेषता |
---|---|
Route Planning | जैतपुर से सालारपुर तक 91.35 km, गोरखपुर, संत कबीर नगर, अम्बेडकर नगर, आज़मगढ़ को जोड़ता है |
Construction | APCO Infratech और Dilip Buildcon द्वारा दो चरणों में निर्माण, भविष्य में छह लेन तक expansion |
Investment | कुल ₹7,283.28 करोड़ की लागत, 1,148.77 hectare भूमि अधिग्रहण |
Compensation | 22,029 किसानों को ₹2,030.29 करोड़ मुआवज़ा, 172 गांव प्रभावित |
Smart Features | CCTV निगरानी, ANPR सिस्टम, Speed Monitoring, ATMS ट्रैफिक मैनेजमेंट |
Connectivity | पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से connection, लखनऊ-वाराणसी तक तेज़ पहुंच |
Economic Impact | Industry और Tourism को बढ़ावा, रोजगार के नए अवसर सृजन |
Time Saving | गोरखपुर से आसपास के कस्बों तक यात्रा समय 1 घंटे से घटकर 20-25 मिनट |
Strategic Position | उत्तर प्रदेश का सातवां operational एक्सप्रेसवे, राज्य में 3,200+ km एक्सप्रेसवे network |
Regional Development | पूर्वी UP में infrastructure सुदृढ़ीकरण, व्यापार और कृषि को national markets से जोड़ना |
यह परियोजना उत्तर प्रदेश की expressway revolution का हिस्सा है और राज्य को देश का सबसे connected राज्य बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दे रही है।

Gorakhpur Link Expressway का रूट और जुड़ाव 91.35 km लंबा
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे, जो जैतपुर (गोरखपुर) से शुरू होकर NH-27 के पास से सालारपुर (आज़मगढ़) तक जाता है, पूर्वी उत्तर प्रदेश में कनेक्टिविटी को सशक्त करता है। यह 91.35 kilometer लंबा, चार लेन का मार्ग गोरखपुर, संत कबीर नगर, अम्बेडकर नगर, और आज़मगढ़ जिलों से होकर गुजरता है। इसकी भविष्य में छह लेन तक विस्तार की योजना क्षेत्रीय विकास को और बढ़ावा देगी। इस परियोजना पर सरकार ने ₹7,283.28 crore का निवेश किया, जो इसे एक महत्वाकांक्षी पहल बनाता है।
यह एक्सप्रेसवे पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से जुड़कर लखनऊ, वाराणसी, और अन्य प्रमुख शहरों तक तेज़ और सुगम संपर्क प्रदान करता है। इससे यातायात, उद्योग, और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, साथ ही रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे। गोरखपुर और आसपास के क्षेत्रों में व्यापारिक गतिविधियों में वृद्धि होगी। यह उत्तर प्रदेश के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
APCO Infratech Pvt Ltd ने किया निर्माण कार्य और ठेकेदारी
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के निर्माण को दो चरणों में पूरा किया गया, जिसने पूर्वी यूपी में कनेक्टिविटी को नया आयाम दिया। APCO Infratech Pvt Ltd ने जैतपुर से फुलवरिया तक 48.3 kilometer के खंड को विकसित किया। दूसरा खंड, फुलवरिया से सालारपुर तक 43.0 kilometer, Dilip Buildcon Ltd द्वारा निर्मित किया गया। इस परियोजना पर ₹7,283.28 crore का निवेश इसे उत्तर प्रदेश की महत्वपूर्ण परियोजनाओं में से एक बनाता है।
यह एक्सप्रेसवे पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से जुड़कर लखनऊ, वाराणसी, और अन्य शहरों तक तेज़ पहुंच प्रदान करता है। इससे यातायात की सुगमता, उद्योग, और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। गोरखपुर और आसपास के क्षेत्रों में रोजगार के अवसरों में वृद्धि होगी। यह उत्तर प्रदेश के बुनियादी ढांचे को सशक्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
Gorakhpur Link Expressway भूमि अधिग्रहण और मुआवज़ा
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के लिए 1,148.77 hectare भूमि का अधिग्रहण किया गया, जिसमें 172 गांव प्रभावित हुए। 22,029 किसानों को ₹2,030.29 crore का मुआवज़ा प्रदान किया गया, जिसे उत्तर प्रदेश सरकार ने समयबद्ध और उचित तरीके से सुनिश्चित किया। यह परियोजना गोरखपुर, संत कबीर नगर, अम्बेडकर नगर, और आज़मगढ़ को जोड़कर क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को बढ़ावा देती है। कुल ₹7,283.28 crore की लागत से निर्मित यह एक्सप्रेसवे भविष्य में छह लेन तक विस्तार योग्य है।
यह एक्सप्रेसवे पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से जुड़कर लखनऊ और वाराणसी जैसे शहरों तक तेज़ पहुंच प्रदान करता है। इससे यातायात, उद्योग, और पर्यटन को प्रोत्साहन मिलेगा, साथ ही रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे। गोरखपुर में व्यापारिक गतिविधियों में वृद्धि की उम्मीद है। यह परियोजना उत्तर प्रदेश के बुनियादी ढांचे को सशक्त करने की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दे रही है।
Gorakhpur Link Expressway का स्मार्ट फीचर्स और ट्रैफिक कंट्रोल
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे को स्मार्ट फीचर्स और ट्रैफिक कंट्रोल तकनीकों से लैस किया गया है, जो पूर्वी यूपी में सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देता है। CCTV निगरानी और ANPR (Automatic Number Plate Recognition) प्रणाली वाहनों की पहचान और निगरानी में मदद करती है, जिससे यातायात उल्लंघन और अपराधों पर नजर रखी जा सकती है। स्पीड मॉनिटरिंग सिस्टम तेज गति वाले वाहनों का पता लगाकर दुर्घटनाओं को कम करता है। एडवांस्ड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (ATMS) वास्तविक समय में ट्रैफिक डेटा का विश्लेषण कर कनेक्टिविटी और यातायात प्रवाह को बेहतर बनाता है।
ये स्मार्ट तकनीकें गोरखपुर, संत कबीर नगर, अम्बेडकर नगर, और आज़मगढ़ में यातायात को सुचारू बनाकर रोजगार और उद्योग के अवसरों को बढ़ावा देती हैं। पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से जुड़ाव के कारण लखनऊ और वाराणसी जैसे शहरों तक पहुंच आसान हो गई है। यह परियोजना, जिसकी लागत ₹7,283.28 crore है, उत्तर प्रदेश के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के साथ-साथ दुर्घटना न्यूनीकरण में महत्वपूर्ण योगदान दे रही है।
Gorakhpur Link Expressway का आर्थिक और रणनीतिक लाभ
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे पूर्वी उत्तर प्रदेश को आर्थिक और रणनीतिक लाभ प्रदान करता है, जो व्यापार और कृषि के लिए गेम-चेंजर साबित होगा। यह 91.35 kilometer लंबा मार्ग स्थानीय हाईवे पर ट्रैफिक के दबाव को कम करेगा, जिससे परिवहन लागत और समय में कमी आएगी। गोरखपुर, संत कबीर नगर, अम्बेडकर नगर, और आज़मगढ़ में छोटे उद्योगों और कृषि उत्पादकों को राष्ट्रीय बाजारों से जोड़कर नई इंडस्ट्री और निवेश को बढ़ावा मिलेगा। ₹7,283.28 crore की लागत से निर्मित यह परियोजना क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाएगी।
पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से जुड़ाव के कारण लखनऊ, वाराणसी, और अन्य शहरों तक एक्सप्रेस कनेक्शन स्थापित होगा, जिससे पर्यटन और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। यह एक्सप्रेसवे स्थानीय उत्पादों को बड़े बाजारों तक तेजी से पहुंचाएगा, जिससे किसानों और उद्यमियों को लाभ होगा। उत्तर प्रदेश के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने में यह परियोजना महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। स्मार्ट फीचर्स जैसे CCTV और ATMS सड़क सुरक्षा को और बढ़ाएंगे।
Gorakhpur Link Expressway से उत्तर प्रदेश की बुनियादी ढांचा और सशक्त
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे ने यात्रा समय में उल्लेखनीय कमी लाकर पूर्वी यूपी की कनेक्टिविटी को बदल दिया है। गोरखपुर से उरुवा, बेलघाट, खजनी, और धुरियापार जैसे कस्बों तक की यात्रा, जो पहले 1 घंटे में पूरी होती थी, अब मात्र 20–25 minute में संभव है। यह 91.35 kilometer लंबा मार्ग ₹7,283.28 crore की लागत से निर्मित हुआ, जो कृषि, व्यापार, और पर्यटन को बढ़ावा देगा। स्मार्ट फीचर्स जैसे CCTV और ATMS सड़क सुरक्षा को और सुदृढ़ करते हैं।
उत्तर प्रदेश की एक्सप्रेसवे क्रांति ने इसे देश का सबसे कनेक्टेड राज्य बना दिया है। गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे राज्य का सातवां चालू एक्सप्रेसवे है, और बीते 8 वर्षों में 5 नए एक्सप्रेसवे शुरू किए गए हैं। वर्तमान में 3,200 kilometer से अधिक एक्सप्रेसवे नेटवर्क लखनऊ, वाराणसी, और अन्य शहरों को जोड़ता है। यह पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से जुड़कर रोजगार, उद्योग, और निवेश के अवसरों को बढ़ाता है, जिससे उत्तर प्रदेश का बुनियादी ढांचा और सशक्त हो रहा है। गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश का सातवां चालू एक्सप्रेसवे है। बीते 8 सालों में 5 नए एक्सप्रेसवे चालू किए गए हैं। राज्य में अब कुल 3,200 किलोमीटर से अधिक एक्सप्रेसवे हैं, जो यूपी को देश का सबसे कनेक्टेड राज्य बना रहे हैं।
निष्कर्ष
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे पूर्वांचल की कनेक्टिविटी को सशक्त कर आर्थिक विकास, रोजगार, और व्यापार के नए अवसर सृजित करता है। 91.35 kilometer लंबा यह मार्ग, ₹7,283.28 crore की लागत से निर्मित, गोरखपुर, संत कबीर नगर, अम्बेडकर नगर, और आज़मगढ़ को लखनऊ व वाराणसी से जोड़ता है। स्मार्ट फीचर्स जैसे CCTV, ANPR, और ATMS सड़क सुरक्षा को बढ़ाते हैं। यह परियोजना उत्तर प्रदेश के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
योगी सरकार की दूरदर्शिता ने इस एक्सप्रेसवे को पूर्वांचल के लिए अवसरों का केंद्र बना दिया है। 3,200 kilometer से अधिक एक्सप्रेसवे नेटवर्क के साथ उत्तर प्रदेश देश का सबसे कनेक्टेड राज्य बन चुका है। यह परियोजना कृषि, उद्योग, और पर्यटन को बढ़ावा देकर क्षेत्र को विकास के नए पथ पर ले जा रही है।
इसे भी पढ़ें: